निगलने में कठिनाई (डिस्फेजिया)

30-Jul-2022

हमारे दांत खाने के छोटे-छोटे टुकड़े करता है। मुंह में लार के साथ पर्याप्त मिश्रण के बाद, हम भोजन के निवाले को निगलते है। यह भोजन नली (इसोफेगस) से होकर पेट तक पहुंचता है। फूड पाइप छाती से गुजरने वाली एक लंबी पेशी नली है। यह मुंह को पेट से जोड़ती है। भोजन के निवाले को मुंह और भोजन नली की मांसपेशियों का संकुचन आगे बढ़ाता है। मांसपेशियों के इन संकुचन को ” पेरिस्टालसिस” कहा जाता है।

इस पथ में कोई वास्तविक रुकावट या शामिल संरचनाओं के कार्य में खराबी होने से खाना निगलने में कठिनाई होती है। तकनीकी तौर पर इसे ” डिस्फेजिया ” कहा जाता है। निगलने में तकलीफ होना, भोजन का गले या छाती में अटक जाना, घुटन संवेदना होना, आदि अक्सर ऐसा महसूस होता है।

डिस्फेजिया एक लक्षण है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यह एक खतरे की निशानी है। विभिन्न आयु समूहों में डिस्फेजिया के कारण अनेक होते हैं।

छोटे बच्चों और युवा वयस्कों में विकासात्मक विसंगतियाँ आम हैं। विकासात्मक रुकावट या भोजन नली के एक हिस्से की अनुपस्थिति के कारण डिस्फेजिया होता है। टॉयलेट क्लीनर, हार्पिक, ब्लीच इत्यादि जैसे संक्षारक घरेलू पदार्थों के आकस्मिक या आत्मघाती अंतर्ग्रहण करने से भोजन नली की आंतरिक परतें गंभीर तौर से जलती है।  इसके परिणामस्वरूप अक्सर खाद्य पाइप का  लम्बा  खंड संकुचित होता है। परिणामी गंभीर डिस्फेजिया लार तक निगलने नहीं देता।  ऐसे रोगियों का प्रबंधन लम्बा, कठिन और जोखिम भरा होता है। इनमें  अक्सर पुनर्वास के लिए कई जटिल शल्य क्रिया (सर्जरी) की आवश्यकता होती है।

खाद्य पाइप की ऐसी संक्षारक संकोचन को मूल तौर पर होने से रोके यही इनका सबसे अच्छा इलाज है। ऐसे संक्षारक घरेलू सामानों की बिक्री पर प्रशासनिक नियंत्रण से विकसित देशों में खाद्य पाइप की संक्षारक सख्ती की घटना में उल्लेखनीय कमी आई है। इन बोतलों पर उचित नाम-पत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इन्हे छोटे बच्चों की पहुँच से दूर रखना भी समझदारी है। सच कहूं तो इन उपायों को हर घर में लागू किया जाना चाहिए।

द्ध आबादी में डॉक्टर को चिंतित करने वाला मुख्य कारण कैंसर है। भोजन नली के कैंसर में भूख कम लगती है और कम समय में काफी वजन घटता है। ऐसे मरीजों में आजकल आम तौर पर प्रथम अप्पर जीआई एंडोस्कोपी कराई जाती है। यह प्रक्रिया एक संकीर्ण कैलिबर ट्यूब (एंडोस्कोप) से  की जाती है। एंडोस्कोप के नोक पर एक कैमरा होता है।  मुंह के माध्यम से पेश किये जाने पर यह भोजन नली से होकर नीचे पेट में जाकर हमें  मुंह, भोजन नली और पेट की अंदर से तस्वीरें खींचकर दिखाती है । यदि कोई गांठ दिखे तो इसका एक छोटा टुकड़ा परीक्षा के लिए लिया जाता है (बायोप्सी) और इससे बीमारी की पुष्टि करने में मदद मिलती है। खाद्य पाइप का कैंसर बहुत आक्रामक होता है।  आगे का  मूल्यांकन और उपचार तत्काल तौर पर करना आवश्यक है

कई बार पेट से जुड़ने वाले भोजन नली के निचले सिरे पर अत्यधिक जकड़न होती है। निगलने में कठिनाई ठोस पदार्थों की तुलना में तरल पदार्थों के लिए अधिक होती है। इस बिमारी को “Achalasia Cardia” कहा जाता है। इसका एंडोस्कोपिक (POEM, Dilatation) या लैप्रोस्कोपिक (की-होल शल्य क्रिया) पद्धति के साथ आसानी से इलाज किया जा सकता है। उपचार के बाद रोगी को लक्षणों से काफी राहत मिलती है और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अच्छा होता है

लकवा (स्ट्रोक) के इतिहास के साथ वृद्ध आबादी में डिस्फेजिया आम है। मुंह की मांसपेशियों के कार्य में खराबी होने से  डिस्फेजिया होता  है। अधिक बीमार रोगियों में भोजन के लिए वैकल्पिक मार्गों की खोज की जाती है

सभी आयु समूहों में निगलने में कठिनाई यह लक्षण डरावना है। यह उपचार की आवश्यकता वाले महत्वपूर्ण रोग का संकेत देता है।

धन्यवाद

डॉ हेमंत जैन

MS (जनरल सर्जरी) MCh (जीआई सर्जरी)
लेप्रोस्कोपिक अवं जीआई सर्जन.
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी अवं जीआई कैंसर सर्जरी के विशेषज्ञ
विजिटिंग कन्सल्टन्ट :
नानावती अस्पताल (विलेपार्ले), क्रिटिकेयर अस्पताल (अंधेरी), उपासनी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, मुलुंड (पश्चिम)
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स्टार हेल्थकेयर, अंधेरी (पश्चिम) रोज 5 से 6 बजे  

उपासनी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, मुलुंड (W)